निन्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस समय, देश में धर्म की धूम है। उत्पाद किए जाते हैं, तो धर्म और ईमान के नाम पर, और जिद की जाती है, तो धर्म और ईमान के नाम पर। रमुआ पासी और बुद्धू मियाँ धर्म और ईमान को जानें, या न जानें, परंतु उनके नाम पर उबल पड़ते हैं और जान लेने और जान देने के लिए तैयार हो जाते हैं।
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) धर्म के नाम पर ज़िद क्यों की जाती है?
(ग) धर्म के नाम पर दंगे क्यों होते हैं।
(घ) देश में धर्म की धूम कैसे है?
(क) पाठ-धर्म की आड़, लेखक-गणेशशंकर विद्यार्थी।
(ख) धर्म का विषय बड़ा संवेदनशील है विभिन्न समुदायों के लोग भिन्न-भिन्न धर्मों को मानने वाले है। हर व्यक्ति का अपना धर्म होता है। धार्मिक लोगों की आस्था इतनी गहरी, दृढ़ और कट्टर होती है कि वे उसके नाम पर मरने-मिटने को तैयार हो जाते है। यहाँ तक कि धर्म का नाम लेकर अपनी बात पर अड़ जाते हैं।
(ग) विभिन्न धर्मों को मानने वाले अपने धर्म को श्रेष्ठ बताने के चक्कर में दंगा-फसाद शुरू कर देते है उनमें मरने-मारने की भावना होता है। यह भावना धर्म गुरूओं द्वारा भड़काई जाती है।
(घ) देश में धर्म की धूम है। हर जगह धर्म के नाम पर आस्था रखने वाले, मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, जाने वाले मिल जाते हैं। चाहे वे धर्म का अर्थ न समझते हो किन्तु धर्म के नाम पर होने वाले गतिविधियों में बढ़चढ़कर भाग लेते हैं।