कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' क्यों कहा है?
गाँव का प्राकृतिक सौंदर्य सभी के मन को छूता है। वह अत्यंत मनमोहक है। चारों तरफ़ हरियाली के कारण धरती प्रसन्न है। इसलिए कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' कहा है।
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कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' क्यों कहा है?
गाँव का प्राकृतिक सौंदर्य सभी के मन को छूता है। वह अत्यंत मनमोहक है। चारों तरफ़ हरियाली के कारण धरती प्रसन्न है। इसलिए कवि ने गाँव को 'हरता जन मन' कहा है।
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कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?
कविता में वसंत ऋतु के सौंदर्य का वर्णन किया गया है। इसी ऋतु में पेड़ों से पत्ते गिरते हैं और उन पर नई कोपलें, पत्तियाँ, फल और फूल खिलते हैं और चारो ओर हरियाली होती है। फसलों तथा सब्जियों के फलने - फूलने का भी यही समय होता है।
गाँव को मरकत 'डिब्बे सा खुला' क्यों कहा गया है?
यहाँ पर मरकत के हरे रंग की तुलना गाँव की हरियाली से की गई है। 'मरकत' 'पन्ना' एक रत्न है जिसका रंग हरा होता है। गाँव का वातावरण भी मरकत के खुले डिब्बे के समान हरा भरा सा होता है। चारों ओर फल और फूलों की सुंगंध बिखरी होती है। सूरज की धूप से निखरता सौंदर्य इस हरीतिमा में चमक पैदा करता है। इसलिए गाँव को 'मरकत डिब्बे सा खुला' कहा गया है।
अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं?
अरहर और सनई के खेत कवि को सोने की किंकणियो के सामान दिखाई दे देते हैं।
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