किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया

Sponsor Area

Question
CBSEENHN9001212

वह ऐसी कौन सी बात रही होगी जिसने लेखक को दिल्ली जाने के लिए बाध्य कर दिया? 

Solution

लेखक जिन दिनों बेरोजगार थे उन दिनों शायद किसी ने उन्हें कटु बातें की होगीं जिसे वे बर्दाश्त नहीं कर पाए होगे और जिसके कारण वह बिना कुछ कहे घर से दिल्ली के लिए निकल गए ।

Sponsor Area

Question
CBSEENHN9001213

लेखक को अंग्रेज़ी में कविता लिखने का अफ़सोस क्यों रहा होगा?

Solution

लेखक को अंग्रेज़ी में कविता लिखने पर अफ़सोस इसलिए रहा होगा क्योंकि वह भारत की जन-भाषा नहीं थी। इसलिए भारत के लोग यानी उनके अपने लोग उसे समझ नहीं पाते होंगे। लेखक अपनी कविता उर्दू और अंग्रेजी में ही लिखते थे। पर जब वे इलाहाबाद आए तो वहाँ का साहित्यिक वातावरण तथा बच्चन, निराला और पन्त जैसे महान लेखकों का सानिध्य पाकर वे हिन्दी लेखन की ओर अग्रसर होने लगे और हिन्दी में ही रचनाएँ करने लगे। 

Question
CBSEENHN9001214

अपनी कल्पना से लिखिए कि बच्चन ने लेखक के लिए नोट में क्या लिखा होगा?

Solution

दिल्ली के उकील आर्ट स्कूल में बच्चनजी लेखक के लिए एक नोट छोड़कर गए थे। उस नोट में शायद उन्होंने लिखा होगा कि तुम इलाहाबाद आ जाओ। लेखन में ही तुम्हारा भविष्य निहित है। संघर्ष करने वाले ही जीवन पथ पर अग्रसर होते हैं अत:परिश्रम करो सफलता अवश्य तुम्हारे कदम चूमेगी।

Question
CBSEENHN9001215

लेखक ने बच्चन के व्यक्तित्व के किन-किन रूपों को उभारा है?

Solution

लेखक ने बच्चन के व्यक्तित्व के अनेक रूपों को उभारा है -
1) बच्चनजी अत्यंत कोमल एवं सहृदय मनुष्य थे।
2) बच्चनजी समय के अत्यंत पाबन्द होने के साथ-साथ कला-प्रतिभा के पारखी थे। उन्होंने लेखक द्वारा लिखे एक ही सॉनेट को पढ़कर उनकी कला - प्रतिभा को पहचान लिया था।
3) वे ह्रदय से ही नहीं, कर्म से भी परम सहयोगी थे।
4) बच्चन का स्वभाव संघर्षशील, परोपकारी, फौलादी संकल्पवाला था। 
उन्होंने न केवल लेखक को इलाहाबाद बुलाया बल्कि लेखक की पढ़ाई का सारा जिम्मा भी उठा लिया।