एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल

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Question
CBSEENHN9000461

निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
एवरेस्ट की तरफ़ गौर से देखते हुए, मैंने एक भारी बर्फ का बड़ा फूल (प्लुम) देखा, जो पर्वत-शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था। मुझे बताया गया कि यह दृश्य शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 150 किलोमीटर अथवा इससे भी अधिक की गति से हवा चलने के कारण बनता था, क्योंकि तेज हवा से सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता था। बर्फ का यह ध्वज 10 किलोमीटर या इससे भी लंबा हो सकता था। शिखर पर जानेवाले प्रत्येक व्यक्ति को दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी पर इन तूफानों को झेलना पड़ता था, विशेषकर खराब मौसम में। यह मुझे डराने के लिए काफी था, फिर भी मैं एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित थी और इसकी कठिनतम चुनौतियों का सामना करना चाहती थी।
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो?
(ख) एवरेस्ट की तरफ लेखिका को कौन-सा बड़ा भारी कुल दिखाई दिया?
(ग) बर्फ का फुल किस प्रकार बनता है?
(घ) शिखर पर चढ़ने वालों को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है?



Solution

(क) पाठ-एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा, लेखिका-बचेंद्री पाल।
(ख) एवरेस्ट की तरफ देखने पर लेखिका को बर्फ का एक बड़ा भारी फूल दिखाई दिया। यह पर्वत के शिखर पर ध्वज की तरह लहरा रहा था। वास्तव में यह तेज हवा के चलने के कारण बनता था।
(ग) बर्फ का फूल शिखर पर 150 किलामीटर या उससे अधिक गति से हवा चलने के कारण बनता है।
(घ) जो पर्वतारोही हिमालय पर्वत के शिखर पर चढ़ते हैं, उन्हें खराब मौसम और बर्फ के तूफान का मुकाबला करना ही पड़ता है। राह में चलते-चलते हिम की आँधी भी चलने लगती हैं। जिसके कारण जीवन खतरे में पड़ जाता है।

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Question
CBSEENHN9000462

निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हिमपात अपने आपमें एक तरह से बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही था। हमें बताया गया कि ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती थी, जिससे बड़ी-बड़ी बर्फ की चट्‌टानें तत्काल गिर जाया करती थीं और अन्य कारणों से भी अचानक प्राय: खतरनाक स्थिति धारण कर लेती थीं। सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र ख्याल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रवास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो।
(ख) हिमपात किसे कहते हें?
(ग) अभियान के सदस्यों को क्या बताया गया था?
(घ) किस जानकारी ने लेखिका को भयभीत कर दिया?

Solution

क) पाठ-एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा, लेखिका-बचेंद्री पाल।
(ख) बर्फ़ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना हिमपात कहलाता है।
(ग) अभियान दल के सदस्यों को यह बताया गया कि ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ़ में हलचल हो जाती है, इससे बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्‌टानें तत्काल गिर जाया करती हैं। अन्य कारणों से भी खतरनाक स्थिति हो जाती है।
(घ) लेखिका को यह जानकारी मिली कि हिमपात के खतरे कोई अनहोनी नहीं हैं। ये संपूर्ण यात्रा में इसी तरह बने रहेंगे। हिमपात और हिमखंड का गिरना लगातार होता रहेगा। सभी आरोहियों और कुलियों को हिमपात की कठिनाईयाँ सहनी होंगी।

Question
CBSEENHN9000463

निम्नलिखित गद्यांशों का पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जैसे मैं उठी, मैंने अपने हाथ जोड़े और मैं क्यने रज्जू-नेता अंगदोरजी के प्रति आदर भाव से झुकी। अंगदोरजी जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और मुझे लक्ष्य तक पहुँचाया। मैंने उन्हें बिना ऑक्सीजन के एवरेस्ट की दूसरी चढ़ाई चढ़ने पर बधाई भी दी। उन्होंने मुझे गले से लगाया और मेरे कानों में फुसफुसाया, ‘‘दीदी, तुमने अच्छी चढ़ाई की। मैं बहुत प्रसन्न हूँ!’’
कुछ देर बाद सोनम पुलजर पहुंचे और उन्होंने फोटो लेने शुरू कर दिए।
इस समय तक लहाटु ने हमारे नेता को एवरेस्ट पर हम चारों के होने की सूचना दे दी थी। तब मेरे हाथ में वॉकी-टॉकी दिया गया। कर्नल खुल्लर हमारी सफलता से बहुत प्रसन्न थे। मुझे बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा! प्र वे बोले कि देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा!
प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखो?
(ख) लेखिका ने अगंदोरजी का किस प्रकार सम्मान किया?
(ग) अंगदोरजी की पर्वत-यात्रा की क्या विशेषता थी?
(व) कर्नल खुल्लर ने लेखिका का किस प्रकार अभिनन्दन किया?

Solution

(क) पाठ-एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा, लेखिका-बचेंद्री पाल।
(ख) लेखिका ने अंगदोरजी के सामने आदर भाव से झुककर उनका सम्मान किया क्योंकि उसी ने लेखिका को पर्वत-शिखर पर पहुँचने के लिए प्रोत्साहित किया था।
(ग) अंगदोरजी की पर्वत-यात्रा की विशेषता यह थी कि वे बिना ऑक्सीजन लगाए पर्वत-यात्रा करते थे। उन्होंने दूसरी बार बिना ऑक्सीजन लगाए पर्वत शिखर को छूआ था।
(घ) कर्नल खुल्लर ने लेखिका को पर्वत-शिखर छूने पर बधाई दी। उसे देश का गौरव कहा और उसकी उपलब्धि को अनूठी सफलता कहा।

Question
CBSEENHN9000464

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?

Solution

अग्रिम दल का नेतृत्व उपनेता प्रेमचन्द कर रहे थे।