आलो - आँधारि

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Question
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पाठ के किन अंशों से समाज की यह सच्चाई उजागर होती है कि पुरुष के बिना स्त्री का कोई अस्तित्व नहीं है? क्या वर्तमान समय में स्त्रियों की सामाजिक स्थिति में कोई परिवर्तन आया है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

Solution


पाठ के निम्नलिखित अंशों से समाज की यह सच्चाई उजागर होती है कि पुरुष के बिना स्त्री का कोई अस्तित्व नहीं है-

1. जब वह (लेखिका) काम ढूँढ़ने जाती है तब लोग उससे तरह-तरह के प्रश्न पूछते हैं:

“घर में अकेले रहते देख आस-पास के सभी लोग पूछते, तुम यहाँ अकेली रहती हो? तुम्हारा स्वामी कहाँ रहता है? तुम कितने दिनों से यहाँ हो? तुम्हारा स्वामी वहाँ क्या करता है? तुम क्या यहाँ अकेली रह सकोगी? तुम्हारा स्वामी क्यों नहीं आता? ऐसी बातें सुन मेरी किसी के पास खड़े होने की इच्छा नहीं होती, किसी से बात करने की इच्छा नहीं होती। बच्चों को साथ ले मैं उसी समय काम खोजने निकल पड़ती।”

2. काम से देर से लौटने पर भी प्रश्न उठते थे-

उसके यहाँ से लौटने में कभी देर हो जाती तो सभी मुझे ऐसे देखते जैसे मैं कोई अपराध कर आ रही हूँ। बाजार-हाट करने भी जाना होता तो वह बूढ़ी, मकान-मालिक की स्त्री, कहती, कहाँ जाती है रोज़-रोज़? तेरा स्वामी है नहीं, तू तो अकेली ही है! तुझे इतना घूमने-घामने की क्या दरकार?

मैं सोचती, मेरा स्वामी मेरे साथ नहीं है तो क्या मैं कहीं घूम-फिर भी नहीं सकती! और फिर उसका साथ में रहना भी तो न रहने जैसा है! उसके साथ रह कर भी क्या मुझे शांति मिली! उसके होते हुए भी पाड़े के लोगों की क्या-क्या बातें मैंने नहीं सुनी! जब उसी ने उन बातों को लेकर उनसे कभी कुछ नहीं कहा तो मैं आँख-मूँद कर किए चुप न रह जाती तो क्या करती!

 

3. उसके स्वामी के न होने पर दूसरे लोग उससे छेड़खानी करते थे।

आस-पास के लोग एक-दूसरे को बताते कि इस लड़की का स्वामी यहाँ नहीं रहता है, यह अकेली ही भाड़े के घर में बच्चों के साथ रहती है। दूसरे लोग यह सुनकर मुझसे छेड़खानी करना चाहते। वे मुझसे बातें करने की चेष्टा करते और पानी पीने के बहाने मेरे घर आ जाते। मैं अपने लड़के से उन्हें पानी पिलाने को कह कोई बहाना बना बाहर निकल आती। इसी तरह मैं जब बच्चों के साथ कहीं जा रही होती तो लोग जबरदस्ती न जाने कितनी तरह की बातें करते।


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Question
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अपने परिवार से लेकर तातुश के घर तक के सफर में बेबी के सामने रिश्तों की कौन-सी सच्चाई उजागर होती है?

Solution

अपने परिवार से लेकर तातुश के घर तक के सफर में बेबी के सामने रिश्तों की यह सच्चाई सामने आई कि मुसीबत की घड़ी में कोई किसी का साथ नहीं देता। यदि विवाहिता लड़की किसी कारण से पति का घर छोड्कर पिता के घर आ जाए तो उसे वहाँ भी सम्मान नहीं मिलता। लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। सभी रिश्ते स्वार्थ पर टिके हैं। पर इसी समाज में तातुश जैसे व्यक्ति भी हैं जो परोपकारी स्वभाव के हैं। वे बेबी को अपनी बेटी मानकर उसके सभी तरह के दुख-दर्दो को दूर करते हैं तथा उसे लेखिका के रूप में प्रतिष्ठित करने का हरसंभव प्रयास करते हैं।

Question
CBSEENHN11012400

इस पाठ से घरों में काम करने वालों के जीवन की जटिलताओं का पता चलता है। घरेलू नौकरों को और किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? इस पर विचार कीजिए।

Solution

इस पाठ से घरों में काम करने वालों के जीवन की निम्नलिखित जटिलताओं का पता चलता है-

1. इन लोगों को जीवन में कभी आर्थिक सुरक्षा नहीं मिल पाती है। जब चाहे, इन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है।

2. इन लोगों को रहने के लिए गंदे और सस्ते मकान मिलते हैं क्योंकि ये किराए के नाम पर बहुत कम दे पाते हैं।

3. इन लोगों का शारीरिक शोषण भी किया जाता है। बेबी को भी ऐसी स्थिति से गुजरना पड़ता है।

4. बेबी की तरह इन्हें सुबह से देर रात तक काम में खटना पड़ता है।

अन्य समस्याएँ

1. इनके बच्चे प्राय: अनपढ़ और असभ्य ही रह जाते हैं। अधिकतर आवारा बन जाते हैं।

2. ये लोग प्राय: अस्वस्थ रहते हैं। इनकी ठीक प्रकार से चिकित्सा नहीं हो पाती।

3. ये सदा आर्थिक संकट में फँसे रहते हैं।

Question
CBSEENHN11012401

‘आलो-आँधारि’ रचना बेबी की व्यक्तिगत समस्याओं के साथ-साथ कई सामाजिक मुद्दों को समेटे है।’ किन्हीं दो मुख्य समस्याओं पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

Solution

इस रचना में बेबी की व्यक्तिगत समस्याएँ भी उठी हैं। उसके बच्चों का भविष्य, स्वयं के खाने-पीने और रहने की समस्या, एकाकीपन का अहसास आदि। इसके साथ-साथ कई सामाजिक मुद्दे भी समेटे गए हैं।

निराश्रित महिला के साथ समाज कैसा व्यवहार करता है? उसे समाज में सम्मान क्यों नहीं मिलता? समाज का आम आदमी गरीब स्त्रियों के प्रति कैसा भाव रखता है? ये सब सामाजिक मुद्दे हैं जो इस रचना में उठाए गए हैं।

दो मुख्य समस्याएं-

1 . पहली समस्या गरीब-असहाय स्त्री के सामने अपना पेट भरने तथा अपने बच्चों के पालन-पोषण की समस्या आती है। कोई भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं होता।

2. दूसरी समस्या है-एक अपरिचित व्यक्ति के घर में रहकर अपने चरित्र की पवित्रता को बनाए रखना। बेबी इसमें कामयाब रहती है। सौभाग्य से उसे तातुश जैसा नेक आदमी मिला, पर सभी तातुश जैसे चरित्रवान नहीं होते।