वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

  • Question 1
    CBSEHHISSH10018437

    वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    विभिन्न देशों के बीच परस्पर सम्बन्ध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया को वैश्वीकरण कहते है। इसके अंतर्गत मुक्त व्यापार, पूँजी का मुक्त रूप से प्रवासन एवं श्रम की गतिशीलता (या मुक्त रूप में आवागमन आदि) आदि शामिल होती है।

    Question 2
    CBSEHHISSH10018438

    भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?

    Solution

    स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था।

    (i) देश के उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से सरंक्षण प्रदान करने के लिए यह अनिवार्य माना गया ।
    (ii) 1950 और 1960 के दशकों में उद्योगों का उदय हो रहा था और इस अवस्था में आयात से प्रतिस्पर्धा इन उद्योगों को बढ़ाने नहीं देती।
    (iii) भारत में करीब सन् 1991 के प्रारम्भ से नीतियों में कुछ दूरगामी परिवर्तन किए गए। सरकार ने यह निश्चय किया कि भारतीय उत्पादकों के लिए विश्व के उत्पादकों से प्रतिस्पर्द्धा करने का समय आ गया हैं।
    (iv) यह महसूस किया गया कि प्रतिस्पर्धा से देश में उत्पादकों के प्रदर्शन में सुधार होगा, क्योंकि उन्हें अपनी गुणवत्ता में सुधार करना होगा।
    (v) इस निर्णय का प्रभावशाली अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने समर्थन किया ।
    अतः विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर से अवरोधों को काफी हद तक हटा दिया गया।


    Question 3
    CBSEHHISSH10018439

    श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा?

    Solution

    सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए श्रम कानूनों में लचीलेपन की अनुमति दी हैं।
    अब नियमित आधार पर श्रमिकों को रोज़गार देने के बजाए कंपनियों में जब काम का अधिक दवाब होता है, तो लोचदार ढंग से छोटी अवधि के लिए श्रमिकों को कार्य पर रखती हैं। जैसे कम्पनियाँ मज़दूरों को कम मज़दूरी देकर केवल उसी मौसम में रखती हैं जब उन्हें उनकी बहुत आवश्यकता होती हैं। कंपनी की श्रम लागत में कटौती करने के लिए ऐसा किया जाता है।

    Question 4
    CBSEHHISSH10018440

    दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन या उत्पाद पर नियंत्रण स्थापित करती हैं?

    Solution

    (i) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं जो बाज़ार के नज़दीक हो, जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो और जहाँ उत्पादन के अन्य कारकों की उपलब्धता सुनिचित हो।
    (ii) साथ ही, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ सरकारी नीतियों पर भी नज़र रखती हैं, जो उनके हितों का देखभाल करती हैं।
    (iii) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन देशों की स्थानीय कम्पनियों के साथ सयुंक्त रूप से उत्पादन करती हैं। लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश का सबसे आम रास्ता स्थानीय कंपनियों को खरदीना और उसके बाद उत्पादन का प्रसार करना हैं। 
    (iv) विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का ऑर्डर देती हैं। वस्त्र, जूते-चप्पल एवं खेल के सामान ऐसे उद्योग हैं, जहाँ विश्वभर में बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादन किया जाता हैं।
    (v) बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इन उत्पादों की आपूर्ति की जाती है। फिर इन्हें अपने ब्राण्ड नाम से ग्राहकों को बेचती हैं।      

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