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सवैये

Question
CBSEENHN9001353

ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम किन-किन रूपों में अभिव्यक्त हुआ है? 

Solution

ब्रजभूमि के प्रति कवि का प्रेम अनेक रूपों में अभिव्यक्त हुआ है- 
कवि को ब्रजभूमि से गहरा प्रेम है। एक ओर जहाँ कवि को ब्रजभूमि से गहरा लगाव होने के कारण वे अगले जन्म में ग्वाले के रूप में वहाँ की गायों को चराते हुए अपना जीवन बिताना चाहते हैं। तो दूसरी ओर ब्रजभूमि में रहने के लिए उन्हें पशु, पक्षी और पत्थर बनना भी स्वीकार्य है। पशु का जन्म मिले तो वे वासुदेव की गायों के बीच घूमकर ब्रज का आनंद प्राप्त करना चाहते हैं, पक्षी बने तो कदम्ब के पेड़ पर बैठकर कृष्ण की बाल लीलाओं का आनंद उठाना चाहते हैं, और यदि पत्थर भी बने तो गोवर्धन पर्वत का क्योंकि उसे कृष्ण ने अपनी उँगली पर उठाया था। इस प्रकार हर एक रूप में वे ब्रजभूमि में ही रहना चाहते हैं।

Question
CBSEENHN9001354

कवि का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण हैं?

Solution

कवि कृष्ण से जुडी हर वस्तु से अपार प्रेम करता है। जिस वन बाग, और तालाब में कृष्ण ने अपनी नाना प्रकार की क्रीड़ाएँ की है उन्हें कवि निरंतर निहारना चाहते हैं क्योंकि इससे उन्हें सुख की दिव्य अनुभूति होती है। यह सुख ऐसा है की जिस पर संसार के समस्त सुखों को न्योछावर किया जा सकता है। उनके दर्शन मात्र से ही उनका ह्रदय प्रेम से भर जाता है।

Question
CBSEENHN9001355

एक लकुटी और कामरिया पर कवि सब कुछ न्योछावर करने को क्यों तैयार है?

Solution

कवि के लिए सबसे महत्वपूर्ण है - कृष्ण। वह उनके लिए आराध्य देव हैं। इसलिए कृष्ण की एक-एक चीज़ उसके लिए महत्वपूर्ण और प्यारी है। कृष्ण गायों को चराते समय लकुटी और कामरिया अपने साथ रखते थे। यह कोई साधारण वस्तुएँ न होकर कृष्ण से सम्बंधित वस्तुएँ है। यही कारण है कि कृष्ण की लाठी और कंबल के लिए कवि अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार है। भगवान के द्वारा धारण की गई वस्तुओं का मूल्य भक्त के लिए परम सुखकारी होता है क्योंकि वह समस्त सुखों को मात देने वाला होता है।

Question
CBSEENHN9001356

सखी ने गोपी से कृष्ण का कैसा रूप धारण करने का आग्रह किया था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिये।

Solution

सखी गोपी से वही सब कुछ धारण करने के लिए कहती है जो कृष्ण धारण करते हैं, सखी ने गोपी से आग्रह किया था कि वह कृष्ण के समान सर पर मोरपंखों का मुकुट धारण करें। गले में गुंजों की माला पहने। तन पर पीले वस्त्र पहने। हाथों में लाठी थामे और पशुओं के संग विचरण करें।