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दोहे
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये -
छाया भी कब छाया ढूँढ़ने लगती है?
कवी ने ग्रीष्म ऋतु का वर्णन करते हुए जेठ महीने की प्रचंड गर्मी की भीषणता को स्पष्ठ करते हुए कहा हैं की जो छाया दूसरों को शीतलता देती हैं, उससे भी गर्मी के इस महीने में छावँ की आवश्यकता पड़ती हैं, अर्थात् जेठ के महीने में छाया ढूँढना लगती हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये -
बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है 'कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात' - स्पष्ट कीजिए।
बिहारी ने नायिका की व्याकुलता को इन पंक्तियों के माध्यम से प्रकट किया हैं। वह अपने प्रिय को संदेश देना चाहती है पर कागज पर लिखते समय कँपकपी और आँसू आ जाते हैं। किसी के साथ संदेश भेजेगी तो कहते लज्जा आएगी। इसलिए वह सोचती है कि जो विरह अवस्था उसकी है, वही उसके प्रिय की भी होगी। अत: वह कहती है कि अपने हृदय की वेदना से मेरी वेदना को समझ जाएँगे। नायिका चतुरता से अपने हृदय को नायक के ह्रदय में स्थित बता रही हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये -
सच्चे मन में राम बसते हैं − दोहे के संदर्भानुसार स्पष्ट कीजिए।
बिहारी जी ईश्वर प्राप्ति के लिए धर्म कर्मकांड को दिखावा समझते हैं। माला जपने, छापे लगवाना, माथे पर तिलक लगवाने से प्रभु नहीं मिलते। भगवान राम तो सच्चे मन की भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं। कुछ लोग आडम्बर और प्रपंच हैं। ईश्वर का निवास स्थान सच्चा और मन पवित्र होता हैं। कच्चा मन तो काँच के सामान नाजुक होता हैं। वह टूट भी सकता हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये -
गोपियाँ श्रीकृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती हैं।
गोपियाँ श्रीकृष्ण से बातें करना चाहती हैं। वे कृष्ण को रिझाना चाहती हैं। परन्तु कृष्ण जी को अपनी बाँसुरी बेहद प्रिय है वे सदैव उसे ही बजाते रहते हैं। गोपियाँ जानती हैं कि श्रीकृष्ण का अपनी मुरली से बहुत प्रेम हैं और इसलिए कृष्ण उनसे नोंक-झोंक अवश्य करेंगे। इसलिए उनका ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए बाँसुरी छिपा देती हैं।
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