व्यापार से साम्राज्य तक

Question
CBSEHHISSH8008147

ईस्ट इंडिया कंपनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?

Solution

ईस्ट इंडिया कंपनी निम्नलिखित कारणों से टीपू सुल्तान को खतरा मानती थी-
(i) मालाबार तट पर होने वाला व्यापार मैसूर रियासत के नियंत्रण में था जहाँ से कंपनी काली मिर्च और इलाइची खरीदती थी।
(ii) टीपू सुल्तान से अपनी रियासत में पड़ने वाली बंदरगाहों से चन्दन की लकड़ी, काली मिर्च और इलाइची का निर्यात रोक दिया था।
(iii) टीपू का फ़्रांसिसी व्यापारियों से घनिष्ठ सम्बन्ध था जिसने सेना के आधुनिककरण में उसकी मदद की थी।

Question
CBSEHHISSH8008148

'सब्सिडियरी एलायन्स'  (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।

Solution

(i) भारतीय शाशकों को अपना स्वतंत्र सैन्य बल रखने की इजाजत नही थी।
(ii) इन शासकों की सुरक्षा का भार कंपनी पर था किन्तु इसके लिए शासकों को शुल्क देना पड़ता था। 
(iii) यदि भारतीय शासक समय पर शुल्क अदा नहीं कर पाते थे तो दंड के रूप में शुल्क के बराबर के राजस्व वाला क्षेत्र शासक से छीन लिया जाता था।

Question
CBSEHHISSH8008149

कंपनी की सेना की सरंचना में आए बदलावों का वर्णन करें।

Solution

(i) कंपनी ने पैदल एवं सवार सिपाहियों की जगह पेशेवर सैनिकों की भली की।
(ii) इन सैनिकों को यूरोपीय शैली में नई युद्ध तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया। 
(iii) इन सैनिकों को आधुनिक हथियारों जैसे मस्कट तथा माचलौक, आदि से लैस किया गया।
(iv) सैनिकों को तेजी से यूरोपीय शैली के प्रशिक्षण, ड्रिल और अनुशासन के अधीन किया गया जो पहले से कहीं ज्यादा जीवन को नियंत्रित करता था।

Question
CBSEHHISSH8008392

कंपनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था?

Solution

(i) हालाँकि भारतीय राजाओं ने भी अपने राज्य का प्रशासनिक तथा राजस्व विभाजन विभिन्न इकाइयों में कर रखा था किन्तु ये इकाइयाँ ब्रिटिश प्रशासनिक एवं राजस्व इकाइयों की तरह प्रभावी नहीं थीं। अंग्रेज़ों ने प्रेसीडेंसी के रूप में एक नई प्रशासनिक इकाई बनाया जिसका मुखिया गवर्नर होता था।
(ii) अंग्रेज़ों द्वारा पुलिस तथा राजस्व व्यवस्था में काफी सुधार किए गए थे।
(iii) भारतीय राजाओं के तहत न्यायिक व्यवस्था प्रभावी नहीं थीं। एक ही अदालत द्वारा दीवानी तथा फौजदारी दोनों तरह के मुकदमे सुने जाते थे। अंग्रेज़ों ने एक आधुनिक एवं विकसित न्यायिक व्यवस्था की स्थापना की। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की। प्रत्येक जिले में अलग-अलग दीवानी तथा फौजदारी अदालतों की स्थापना की गई।