एक चित्र और एक लिखित पाठ को चुनकर किन्हीं दो स्रोतों की पड़ताल कीजिए और इस बारे में चर्चा कीजिए कि उनसे विजेताओं और पराजितों के दृष्टिकोण के बारे में क्या पता चलता है?
हम पाठ्यपुस्तक के चित्र नं 18 को इस अध्याय में से चुनते हैं। यह चित्र हमें बताता है की अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध केवल पुरुष ही नहीं लड़ें बल्कि स्त्रियों के रूप में अनेक लोग रहे जैसे की लक्ष्मीबाई वीर महिलाओं का प्रतीक थीं।
स्रोत नं.1: 1857 के विद्रोह के दौरानी दिल्ली और अन्य शहरों में खूब उथल-पुथल हुआ। लोगों का सामान्य जीवन प्रभावित हुआ। उनकी सामान्य गतिविधियाँ अस्तव्यस्त हो गई। सब्जियों के भाव आसमान छूने लगे। जीवन की आवश्यकता वस्तुओं का अभाव हो गया। या तो सब्जियाँ लोगों को मिलती नहीं थी और कहीं दिखाई देती थीं तो वे बासी होती थीं। अनेक लोगों ने अपना काम छोड़ दिया जैसे पानी भरने वाले लोगों ने पानी भरना छोड़ दिया। पानी भरने का काम कुलीन लोगों के लिए पीडाजनक था। कई बेचारे भद्रजन अपना काम करने के लिए खुद मजबूर हुए।
स्रोत नं. 2: इसमें हमें विजेताओं और पराजितों के बारे में निम्न जानकारी मिलती है। विद्रोह का कारण सैनिक अवज्ञा के रूप में शुरू हुआ। भारतीय मूल के लोग जो इसाई थे वे चाहे कम्पनी की पुलिस की नौकरी कररहे हों वे भी ब्रिटिश मजिस्ट्रेटों और आधिकारियों के शक के दायरे में आ गए। जो सिपाही शिष्टाचारवश एक मुस्लिम मजिस्ट्रेट से मिलने गया जो की सिपाही सिस्टन अवध में तैनात था। मजिस्ट्रेट नेसिपाही से अवध के हालात जानने की कोशिश की। उसने कहा यदि उसे अवध में काम मिला है तो उसे वहाँ की स्थिति के बारे में अंग्रेज अधिकारीयों को समयसमय पर ठीक जानकारी दे दिजाएगी। अंग्रेज अधिकारी को मुस्लिम तहसीलदार ने अंग्रेज सिपाहियों को यह भरोसा दिलाने का प्रयास किया की चाहे विद्रोही कुछ भी दावा करें, शुरू में वे कामयाब भी रहें पर अंततः विजय अंग्रेजी सरकार या कम्पनी सरकार की होगी,मगर बाद में पता चला की वह मुस्लिम तहसीलदार जो मजिस्ट्रेट के कमरे में प्रवेश कर रहा था वह बिजनौर के विद्रोहियों का सबसे बड़ा नेता था।