सामाजिक न्याय

Question
CBSEHHIPOH11021805

आम तौर पर एक स्वस्थ और उत्पादक जीवन जीने के लिए व्यक्ति की न्यूनतम बुनियादी जरूरतें क्या मानी गई है ? इस न्यूनतम को सुनिश्चित करने में सरकार की क्या जिम्मेदारी है ?

Solution

विभिन्न सरकारों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसे संगठनों ने लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं की गणना के लिए विभिन्न तरीके ईजाद किए हैं। इसमें स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्त्वों की बुनियादी मात्रा, आवास, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति, शिक्षा और न्यूनतम मज़दूरी इन बुनियादी स्थितियों के महत्वपूर्ण हिस्से है।

हालाँकि, नागरिकों के लिए इन बुनियादी शर्तों की पूर्ति, भारत जैसे गरीब देश में सरकार पर बोझ ड़ालती है। फिर भी गरीबों को उनके वर्ग, जाति, नस्ल या लिंग आधार पर बिना भेदभाव के न्यूनतम सुविधाएं मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी सरकार की ही हैं:

  1. सरकार विभिन्न प्रकार के कानूनों का निर्माण करके ऐसी परिस्थितियाँ पैदा कर सकती है, जिससे सभी व्यक्तियों की न्यूनतम ज़रूरतें पूरी हों सकें।
  2. मुक़्त बाज़ार विचारधारा के समर्थक निजी एजेंसियों द्वारा वस्तुएँ और सेवाएँ प्रदान करने के पक्ष में हैं तथा राज्य की नीतियाँ इन सेवाओं को खरीदने के लिए लोगों को सशक्त बनाने की कोशिश करने की होनी चाहिए। हालाँकि अंत में मुक्त बाजार ताकतवर, धनी और प्रभावशाली लोगों के हित में काम करने को ही प्रवृत्त होता है।
  3. सरकार अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में निजी एजेंसियों के हस्तक्षेप की जाँच करती है ताकि वस्तुएँ और सेवाएँ बाजार में कमजोर वर्गों की पहुँच से बहार न हों।
  4. स्वास्थ्य सेवा और आवास के मामले में भी सच यही है। इन परिस्थितियों में सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ता है।

Question
CBSEHHIPOH11021806

निष्पक्ष और न्यायपूर्ण वितरण को युक्तिसंगत आधार पर सही ठहराया जा सकता है। रॉल्स ने इस तर्क को आगे बढ़ाने में 'अज्ञानता के आवरण ' के विचार का उपयोग किस प्रकार किया।

Solution

रॉल्स ने निष्पक्ष और न्यायपूर्ण वितरण को युक्तिसंगत आधार पर सही ठहराते हुए 'अज्ञानता के आवरण' का उपयोग किया है:

  1. जॉन रॉल्स तर्क देते हैं कि निष्पक्ष और न्यायसंगत नियम तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता यही है कि हम खुद को ऐसी परिस्थिति में होने की कल्पना करें जहाँ हमें यह निर्णय लेना है कि समाज को कैसे संगठित किया जाए।
  2. रॉल्स के अनुसार, हमें यह नहीं मालूम होगा, कि हम कौन होंगे और भविष्य के समाज में हमारे लिए कौन से विकल्प खुले होंगे, तब हम भविष्य के उस समाज के नियमों और संगठन के बारे में जिस निर्णय का समर्थन करेंगे, वह तमाम सदस्यों के लिए अच्छा होगा।
  3. चूँकि कोई नहीं जानता कि वह कौन होगा और उसके लिए क्या लाभप्रद होगा, इसलिए हर कोई सबसे बुरी स्थिति के मद्देनजर समाज की कल्पना करेगा।
  4. वह समाज के विषय में सोचते हुए इस बात का अवश्य ध्यान रखेगा, कि यदि किसी व्यक्ति का जन्म सुविधा सम्पन्न परिवार में होता है, तो उसे विकास के उचित अवसर प्राप्त होंगे, परन्तु यदि व्यक्ति का जन्म पिछड़े एवं समाज के अत्यधिक निचले वर्ग में होता हैं, तब क्या होगा ?
  5. रॉल्स कहते हैं , कि जब व्यक्ति खुद को इस स्थिति में रखकर सोचेगा, तब वह अवश्य ही ऐसे समाज की कल्पना करेगा जो समाज के कमज़ोर वर्गों के हितो की रक्षा कर सके। इस प्रयास से यह दिखेगा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास जैसे महत्त्वपूर्ण संसाधन सभी लोगों को प्राप्त हों चाहे वे उच्च वर्ग के हो या न हों।
  6. अत: 'अज्ञानता के आवरण' के कारण प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने आपको को सबसे बुरी स्थिति में रखकर सोचना ही उसके लिए हितकर होगा।