विद्युत् मोटर में विभक्त विलय की क्या भूमिका है?
विद्युत् मोटर में विभक्त वलय दिक्परिवर्तक का कार्य करता है जो परिपथ में विद्युत् धारा के प्रवाह को उत्क्रमित करती है। जब विद्युत् धारा के प्रवाह की दिशा उत्क्रमित होती है तो दोनों भुजाओं पर आरोपित बालों की दिशा भी उत्क्रमित हो जाती है। इस प्रकार कुंडली की पहली भुजा AB जो नीचे की ओर धकेली गयी थी अब ऊपर की ओर धकेली जाती है और कुंडली की दूसरी भुजा CD जो पहले ऊपर की ओर धकेली गयी थी अब नीचे की ओर धकेली जाती है। इस प्रकार कुंडली व धुरी उसी दिशा में अब आधा घूर्णन पूरा कर लेती हैं। प्रत्येक आधे घूर्णन के पश्च्यात विद्युत् धारा के उत्क्रमित होने का क्रम दोहराता है जिससे कुंडली और धुरी का लगातार घूर्णन होता रहता है।