विष्णु खरे

Question
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इस पाठ में किन-किन भारतीय अभिनेताओं का तथा उनकी किन फिल्मों का नामोल्लेख हुआ है? क्यों? महाभारत के किस प्रसंग का उल्लेख हुआ है?

Solution

इस पाठ में दिलीप कुमार (बाबुल, शबनम कोहिनूर, लीडर, गोपी), देव आनंद (नौ दो ग्यारह, फंटूश, तीन देवियाँ), शम्मी कपूर, अमिताभ बच्चन (अमर अकबर एँथनी) तथा श्रीदेवी तक किसी-न-किसी रूप से चैप्लिन का कर्ज स्वीकार कर चुके हैं। बुढ़ापे में जब अर्जुन अपने दिवंगत मित्र कृष्ण की पत्नियों को डाकुओं से न बचा सके और हवा में तीर चलाते रहे तो यह दृश्य करुण और हास्योत्पादक दोनों था किंतु महाभारत में सिर्फ उसकी त्रासद व्याख्या स्वीकार की गई। इससे पता चलता है कि यहाँ चूक हो गई।

Question
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अपने जीवन के अधिकांश हिस्सों में हम क्या होते हैं?

Solution

अपने जीवन के अधिकांश हिस्सों में हम चार्ली के टिली हो होते हैं जिसके रोमांस हमेशा पंक्चर होते रहते हैं। हमारे महानतम क्षणों में कोई भी हमें चिढ़ाकर या लात मारकर भाग सकता है। अपने चरमतम शूरवीर क्षणों में हम कर्त्तव्य और पलायन के शिकार हो सकते हैं। कभी-कभार लाचार होते हुए जीत भी सकते हैं। मूलत: हम सब चार्ली हैं क्योंकि हम सुपरमैन नहीं हो सकते। सत्ता, शक्ति बुद्धिमत्ता, प्रेम और पैसे के चरमोत्कर्ष में जब हम आईना देखते हैं तो चेहरा चार्ली-चार्ली हो जाता है।

Question
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भारतीय जनता ने चार्ली के किस ‘फिनोमेनन’ को स्वीकार किया? उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए।

Solution

भारतीय जनता ने चार्ली के इस ‘फिनोमेनन’ को स्वीकार कर लिया कि स्वयं पर हँसना और अपने आपकी बनावट और गरिमा को ठेस पहुँचाकर सबको हँसाना भारतीयों ने ऐसे स्वीकार किया जैसे बतख पानी को। उदाहरण जॉनीवाकर, राजकपूर, दिलीप कुमार, देवानंद, शम्मी कपूर आदि।

लेखक ने चार्ली का भारतीयकरण राजकपूर को कहा। राजकपूर की फिल्म ‘आवारा’ सिर्फ ‘दि जै’ का शब्दानुवाद ही नहीं थी बल्कि चार्ली का भारतीयकरण ही था। राजकपूर ने चैप्लिन की नकल करने के आरोप की कभी परवाह नही की।

महात्मा गाँधी से चार्ली का खासा पुट था। एक समय था जब गाँधी और नेहरू दोनों ने चार्ली का सान्निध्य चाहा था। उन्हें चार्ली अच्छा लगता था। वह उन्हें हँसाता था।

Question
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चार्ली का चरित्र-चित्रण कीजिए।

Solution

चार्ली दुनिया के महान् हास्य अभिनेता और निर्देशक थे। वे एक परित्यक्ता और दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री के बेटे थे। जब उनकी माँ पागलपन का शिकार हो गई तब उन्होंने जीवन से बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अत्यंत गरीबी में जीवन बिताया। साम्राज्य पूँजीवाद और सामंतशाही से मगरूर समाज ने इनको दुत्कारा लेकिन इन्होंने जीवन से हार नहीं मानी। चार्ली का चिर युवा होना था। बच्चों जैसा दिखना एक विशेषता है। उनकी सबसे बड़ी विशेषता है कि वे किसी भी संस्कृति को विदेशी नहीं लगते। चार्ली ने न सिर्फ फिल्म कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण व्यवस्था को भी तोड़ा।