विश्वेश्वरैया
(क) अपने घर के बरामदे में खड़े होकर छ: वर्षीय विश्वेश्वरैया ने क्या देखा?
(ख) तुम्हें विश्वेश्वरैया की कौन सी बात सबसे अच्छी लगी? क्यों?
(ग) विश्वेश्वरैया के मन में कौन-कौन से सवाल उठते थे?
(क) अपने घर के बरामदे में छ: वर्षीय विश्वेश्वरैया ने देखा कि बारिश के कारण वातावरण बहुत सुंदर हो गया है। पेड़ बारिश के कारण धुल गए थे। पत्तियों और टहनियों से पानी टपक रहा था। कुछ दूरी पर धान के खेत लहलहा रहे थे। गली में नाली में पानी जलप्रपात के समान घूम रहा था। उसमें इतनी शक्ति आ गई थी कि वह बहुत बड़े पत्थर को अपने साथ बहाकर ले जा रहा था। देखा जाए, प्रकृति के ये विभिन्न रूप सामूहिक रूप से प्रकृति की शक्ति का प्रदर्शन कर रहे थे। थोड़ी दूर कहीं एक गरीब स्त्री ताड़पत्र की छतरी पकड़े बारिश में खड़ी थी। वह बहुत गरीब थी। उसे देखे विश्वेश्वरैया के मन में प्रश्न उठा की लोग गरीब क्यों होते हैं। इस तरह देखते हुए उन्होंने गरीबी और प्रकृति के विषय में बहुत कुछ जानने का प्रयास किया।
(ख) विश्वेश्वरैया जिज्ञासु, विचारशील, मेहनती बालक था। उसकी यह तीनों बातें हमें बहुत अच्छी लगीं। जिज्ञासा के कारण वह हर वस्तु के बारे में जानने को उत्सुक रहता था। विचारशील होने के कारण अपने आस-पास होने वाली बातों के विषय में गहराई से सोचता था। मेहनती इसलिए था कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ा परिश्रम करने से भी पीछे नहीं रहता था।
(ग) प्रकृति तथा गरीबी के विषय में विश्वेश्वरैया के मन में सदैव विचार उठते थे। वह हवा, सूर्य और पानी की असीम शक्ति का मूल्यांकन लगता। इसके साथ ही वह गरीब लोगों की दुर्दशा देखकर परेशान रहता। वह ऐसा होने के पीछे कारण जानना चाहता था।
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