भोर और बरखा
‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं?
यहाँ यशोदा कृष्ण को जगाने का प्रयास करती हैं और कहती हैं – रात बीत गई है, सुबह हो गई है। हर घर के दरवाज़ें पर साधु-संत खड़े हैं। सभी ग्वाल-बाल शोर मचा रहे हैं, जयकार कर रहे हैं, माखन और रोटी हाथ में लेकर गायों की रखवाली के लिए जा रहे हैं, गोपियों के हाथ के कंगन बज रहे हैं।
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